तेरे आने से पहले, तेरे आने के बाद!

बड़ी हलचल सी थी मेरी जिंदगी में, तेरे आने से पहले !
इक तूफ़ाँ था मेरे सीने में , जो बरबस उफना करता था!
बड़ा आक्रोश था मेरी हरकतों में, कुछ और भी करने की,
बड़ी बेचैनी थी मन ही मन में बहुत कुछ और पाने की!
और लाचारी थी वक़्त के धागों में  बंधना और फ़िर घबराना,
तेरे आने से पहले!!

अब शांत नदी सा बहता हूँ , तेरी यादों में!
बड़ी नज़ाकत है मेरे शब्दों में, मेरे भावों में!
कुछ खो जाने दें की चाहत पनप रही है मुझमे,
और भर जाते हैं पाँव मेरे, लंबी छलांग लगाने में!
बस सब सहज- सरल सा लगता है और वक़्त तेरे संग चलता है,
तेरे आने के बाद!!

शशि कांत दुबे!